परिचय-:
ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश उपाध्याय जी राष्ट्र के सबसे अनुभवी ज्योतिषाचार्यों में से एक माने जाते हैं। डॉ. सतीश उपाध्याय जी को ज्योतिष एवं वास्तु के क्षेत्र में 20 वर्षों से भी ज्यादा का अनुभव है और अपने इन दो दशकों से भी ज्यादा समय में डॉ. सतीश उपाध्याय जी ने हजारों चेहरे पर मुस्कान लौटाई है।
डॉ. सतीश उपाध्याय जी एक प्रसिद्ध ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र के ज्ञाता होने के साथ-साथ ज्योतिष, वैदिक वास्तु, ओरा वास्तु, न्यूमरोलॉजी के अच्छे सलाहकार भी हैं।
डॉ. सतीश उपाध्याय जी की सबसे खास बात ये हैं कि इनके द्वारा बताये गए उपाय बेहद आसान होने के साथ-साथ अचूक भी होते हैं, जिसे कोई भी व्यक्ति बहुत आसानी से कर सकता है। उनके उपायों का इतना कारगर होने का सबसे बड़ा कारण ये है कि डॉ. सतीश उपाध्याय जी वास्तु परीक्षण के लिए अति प्राचीन वैदिक पद्धति का प्रयोग करते हैं, जबकि आईआर यूवी नेगेटिविटी-पॉजिटिविटी और जियोपैथिक स्ट्रेस का परीक्षण यूनिवर्सल औरा स्केनर एवं एल रॉड की मदद से करते हैं, जिससे एकदम सटीक परीक्षण में मदद मिलती है।
इसके बाद डॉ. सतीश उपाध्याय जी पुरातन ग्रंथ मयमतम्, मनसाराम, समरांगण सूत्रधार, अपराजित पृच्छा, वास्तु शिल्प, वास्तुरत्नावली आदि ग्रंथों के अलाव ज्योतिष जन्मपत्री, पत्रिका मिलान एवं बाधकेश, मारकेश, गोचरग्रह, दशा, दिशा आदि का विचार करके ही स्वास्तिक यंत्र, रत्न, रुद्राक्ष, अष्टदिशादिग्पाल, पंचशीर्ष एवं मयंतम ग्रंथानुसार खनिज, धातु, धान्य, पंचगव्य से बिना किसी तोड़-फोड़ के वैदिक विधि को अपनाते हुए वास्तुदोष का निराकरण करते हैं। यही वजह है कि उनके उपाय इतने कारगर साबित होते हैं। डॉ. सतीश उपाध्याय जी न्यूमरोलॉजी के भी अच्छे ज्ञाता भी हैं। डॉ. सतीश उपाध्याय जी नाम के स्पेलिंग और स्वाक्षरी में सुधार कर न्यूमरोलॉजी से संबंधित समस्याओं को दूर करते हैं।
डॉ. सतीश उपाध्याय जी के अनुभव और ज्ञान का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि ज्योतिष एवं वास्तु के क्षेत्र में इनके अविस्मरणीय योगदान के लिए पांच बार स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा अब तक इन्हें अनेकों पुरस्कारों एवं सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं स्वर्ण पदक के साथ कोणार्क वास्तु रत्न, विष्णु ज्योतिष ब्रह्मश्री, विष्णु ज्योतिष ब्रह्ममीण के अलावा इंडियन एस्ट्रोलॉजी इंस्टिट्यूट की ओर से गंगोत्री में आर्य देवर्षि और एस्ट्रो शनि कालजयी की उपाधी से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सतीश उपाध्याय जी को ‘ब्रह्मऋषि’ की उपाधि से भी सम्मानित किया गया हैं।
डॉ. सतीश उपाध्याय जी सामाजिक कार्यों में भी विशेष रुचि लेते हैं। इन्हें लॉयंस कल्ब की ओर से तीन बार वेस्ट लॉयन ऑप द ईयर अवॉर्ड, पांच बार डिवोटेड लॉयन ऑप द ईयर अवॉर्ड, तीन बार डेडिकेटेड लॉयन ऑप द ईयर अवॉर्ड, तीन बार एक्टिव लॉयन ऑप द ईयर अवॉर्ड के अलावा लॉयंस इंटरनेशनल की ओर से अनेकों सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सतीश उपाध्याय जी लॉयंस इंटरनेशनल की उपाधि एमजेएफ यानि मेलविन जोंस फेलो से भी सम्मानित हैं।
डॉ. सतीश उपाध्याय जी महाराष्ट्र सरकार राज्यपाल द्वारा नियुक्ति जुलाई 2002 से जुलाई 2014 तक विशेष कार्यकारी अधिकारी, इसके अलावा लॉयंस क्लब ऑफ औरंगाबाद जैमिनी कपल क्लब के एक्सटेंशन चेयरमैन, स्थानीय गुर्जर गौड़ ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष , राजस्थानी विप्र मंडल उपाध्यक्ष समेत देश भर में कई महत्वपूर्ण पदों की शोभा बढ़ा चुके हैं।
डॉ. सतीश उपाध्याय जी एक अच्छे लेखक भी हैं। उनके ज्योतिष एवं वास्तु के अलावा अनेकों सामाजिक आलेख देश भर के जाने-माने पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
इतना ही नहीं देश के जाने माने डॉ पद्मश्री डॉ शरद कुमार दीक्षित प्लास्टिक सर्जन का आशीर्वाद एवं जगतगुरु करवीर पीठ के शंकराचार्य जी का आशीर्वाद आपको प्राप्त है
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