परिचय-:
ज्योतिष..एक ऐसा विज्ञान,जिसमें इतने रहस्य समाहित हैं कि उसे पूरी तरह से समझने के लिए एक जीवन पर्याप्त नहीं है। आज हम ज्योतिष विज्ञान के बारे में जितना जान पाये हैं,वो एक उसका अंश मात्र है,और वो भी हमें ऐसे ही नहीं मिला। इसमें हमारे गुरुओं और ऋषिमुनियों की सैंकड़ों वर्षों का शोध तथा अनुभव निहित हैं,और आज हमारे देश के कुछ गिने-चुने ज्योतिषाचार्य ही इस परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हीं में से एक नाम है,डॉ.मिनाक्षी शर्मा जी का।
डॉ.मीनाक्षी शर्मा जी भारत के उन गिने-चुने ज्योतिषाचार्यों में से एक हैं,जिन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान से न केवल भारत में,बल्कि विश्व भर में अपना नाम बनाया है। मीनाक्षी जी वैदिक ज्योतिष,हस्तरेखा,वास्तुशास्त्र और ग्रह विज्ञान की ज्ञाता के अलावा एक जानी-मानी कथावाचक भी हैं। इतना ही नहीं डॉ.मीनाक्षी हस्ताक्षर विज्ञान और पूर्व जन्म से संबंधित विषयों का भी अध्ययन कर चुकी हैं। आज मीनाक्षी जी आखिल भारतीय महिला ज्योतिष परिषद् की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
डॉ.मीनाक्षी शर्मा जी ये ज्ञान और अनुभव ही है कि उन्होंने पिछले डेढ़ दशक से न केवल भारत में,बल्कि विश्व भर में ऐसे हजारों लोगों का मार्गदर्शन कर चुकी हैं। जो अपनी जिंदगी ने निराश हो चुके थे। कोई अपने पारिवारिक जीवन से,तो अपने वैवाहिक जीवन से,किसी को अपने करियर के क्षेत्र में सफलता नहीं मिल रही थी,तो कोई व्यापार में कामयाब नहीं हो पा रहा था। लेकिन जो कोई भी अपनी समस्या को लेकर मिनाक्षी जी के पास पहुंचा उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव से निश्चित ही उनकी समस्याओं का समाधान किया।
डॉ. मीनाक्षी शर्मा जी के अनुभव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ज्योतिष के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित तो किया ही गया है,साथ ही ग्रह विज्ञान में शोध के लिए बैंकॉक में पीएचडी की डीग्री से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा विश्व ज्योतिष आध्यात्म विश्वपीठ की ओर से “मानव कल्याण में ज्योतिष के महत्व” के बारे में शोध के लिए ‘ज्योतिष-विद्या-वाचस्पति’ की उपाधि भी दी गई है। इतना ही नहीं डॉ. मिनाक्षी शर्मा जी को एशियन ग्रेट एस्ट्रोलॉजर्स अवॉर्ड,थाई-इंडिया वर्ल्ड पीस अवॉर्ड,आर्य देवर्षि नारद अवॉर्ड,इंटरनेशनल एक्सेलेंस अवॉर्ड आदि जैसे सम्मानों से सम्मनित किया जा चुका है।
डॉ. मीनाक्षी शर्मा जी के उपलब्धियों की सूची यहीं समाप्त नहीं होती है,मिनाक्षी जी कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में एक ज्योतिष सलाहकार की भूमिका भी निभाती रहती हैं।
ज्योतिष के अलावा डॉ. मीनाक्षी शर्मा जी को कथावाचन के क्षेत्र में भी विशेष रुचि है,यही वजह है कि वो केवल भारत ही नहीं,बल्कि विश्व के कई देशों में वो श्रीमद् भागवत कथा,श्री राम कथा एवं श्री सुंदर काण्ड का पाठ करती हैं। मीनाक्षी जी सत्संग को अपने जीवन में विशेष महत्व देती हैं,उनका मानना है कि आज के युग में भौतिकता पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाता है और अध्यात्म पर अल्प...ऐसे में वातावरण में आध्यात्मिक अशुद्धता बढने लगती है। ऐसे में आध्यात्म ही वो ताकत है जिससे इन विसंगतियों को दूर किया जा सकता है,सत्संग से बुद्धि और विवेक जाग्रत होता है। मनुष्य जितनी अधिक मात्रा में सत्संग करेगा और उस सत्संग से प्राप्त विवेक को महत्व देगा उतना ही अधिक मात्रा में उसके काम-क्रोध आदि विकार नष्ट होंगे ।
जैसा कि कबीर दास जी ने कहा है-
उजल बुन्द आकाश की, परि गयी भुमि बिकार,
माटी मिलि भई कीच सो बिन संगति भौउ छार...
यानी आकाश से गिरने वाली वर्षा की बूदें निर्मल और उज्जवल होती है किन्तु जमीन पर गिरते ही गंदी हो जाती है। मिटृी में मिलकर वह कीचड़ हो जाती है। इसी तरह आदमी भी अच्छी संगाति के अभाव से बुरा हो जाता है। ईश्वर ने तो हमें एक जैसा ही बनाया है। बस फर्क इतना है कि कोई अच्छी संगति पाकर निखर जाता है,और कोई बुरी संगति में बिखर जाता है।
हम सभी जानते हैं कि हर किसी के जीवन में कभी न कभी ऐसी स्थिति आती ही है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है,विवाह में रुकावटें आती है,बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रहता है या फिर व्यापार में घाटा होता है। ये सभी समस्याएं काफी गंभीर हैं, जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को नर्क के समान बना सकती हैं,लेकिन ज्योतिष और आध्यात्म वो मार्ग है जिससे इन सभी समस्याओं से मुक्ति पाया जा सकता है।
तो अगर आप भी अपने जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या से परेशान है और कोई मार्ग नजर नहीं आ रहा है तो आप मीनाक्षी जी से संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही आप अगर श्रीमद् भागवत कथा,श्री राम कथा एवं श्री सुंदर काण्ड आदि का पाठ करवाना चाहते हैं तो भी आप डॉ. मीनाक्षीशर्मा जी से संपर्क कर सकते हैं।
|