परिचय-:
मनुष्य के जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं आती हैं और जब समस्याएं आती हैं तो लगता है मानो जीवन में अंधेरा छा गया है। ऐसे में हमें कोई मार्ग नजर नहीं आता, लेकिन ईश्वर ने हमें हर तकलीफों से निकलने का रास्ता दिया है। बस जरूरत है तो उस रास्ते को ढ़ूंढ़ने की। ज्योतिष विद्या ऐसा ही एक मार्ग है।
ज्योतिष शास्त्र हमारे जीवन में एक प्रकार से छतरी का कार्य करता है। जिस तरह बारिश आने पर हम छतरी की सहायता से खुद को भींगने से बचा लेते हैं, ठीक उसी प्रकार ज्योतिष विद्या के माध्यम से हम अपने जीवन की सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ती पा सकते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है तो एक सही मार्गदर्शक की।
अगर मार्गदर्शक की बात करें तो डॉ.गीता शर्मा से बेहतर नाम कोई और नहीं हो सकता। ज्योतिष के क्षेत्र में डॉ.गीता शर्मा एक बहुत बड़ा नाम है। उनकी उपलब्धियों का अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि वो सूर्य पंचांग की संपादक होने के साथ-साथ सनाढ्य ब्राह्मण समाज में सक्रीय सदस्य संरक्षिका और मां गायत्री ज्योतिष अनुसन्धान केंद्र का सफल संचालन करते हुए लोगों की सेवा कर रही हैं। सर्व ब्राह्मण समाज के प्रति उनका विशेष लगाव रहा है।
इसके अलावा वो महिला सशक्तिकरण के लिए सदैव प्रयासरत रहती हैं। डॉ. गीता की एक और विशेषता ये है कि उन्हें ज्योतिष एक लेखनी के अलावा संगीत में भी महारत हासिल है। इन्होंने संगीत में विशारद एवं कलकत्ता विश्वविद्यालय से डाक्टरेड की उपाधि प्राप्त की है।इसके अलावा विभिन्न साहित्यिक गतिविधियों के साथ कविता का पाठ आपकी रुचि में शामिल है।
उनकी उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं होती। डॉ. गीता शर्मा ने ज्योतिष के माध्यम से केवल भारत ही बल्कि विश्व भर में अपनी एक चुकी हैं और समय-समय पर कई देशों की यात्रा करती रहती हैं और वहां के लोगों का मार्गदर्शन करती हैं।
यही वजह है कि डॉ. गीता शर्मा छत्तीसगढ़,पश्चिम बंगाल और असम के राज्यपालों और नेपाल के प्रधान मंत्री द्वारा विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
डॉ. गीता शर्मा के द्वारा की गयी काल गणना ज्योतिष में प्रसिद्ध है। उनके योगदान के लिए ब्राह्मण फेडरेशन छत्तीसग़ढ,सर्व युवा ब्राह्मण परिषद छत्तीसगढ़ एवं विप्र वार्ता के लिए सम्मानित किया गया है। इन सबके अलावा डॉ. गीता को और भी अनेकों उपाधिया प्राप्त हैं।
हम कह सकते हैं कि डॉ. गीता शर्मा किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उनका नाम ही अपने आप में एक पहचान है। उन्होंने अपने आप को कभी प्रचारित नहीं किया। वो इन सब से दूर रहीं और अपना लेखन कार्य जारी रखा।अपने लेख और शोध पंचांग के कारण ही वो भारत ही अपितु विदेशों में भी जानी जाती हैं।
समय का आभाव होते हुए भी उन्होंने अपना लेखन कार्य जारी रखा है। समय-समय पर उनके विचार हमारा मार्गदर्शन करते हैं। जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान वो बड़े ही सरल ढंग से बताती हैं। अगर आपके जीवन में भी किसी प्रकार की कोई समस्या है तोभी अपनी सभी समस्याओंसे मुक्ति पा सकते हैं।
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