परिचय-:
ज्योतिषाचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी ज्योतिष जगत का एक बहुत बड़ा नाम है। आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी ने अपने वर्षों के अनुभव और ज्ञान से उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी वैदिक ज्योतिष के अलावा वास्तु, वैदिक मंत्रों, कर्मकाण्ड, यज्ञ और पूजा-पाठ आदि के विशेषज्ञ माने जाते हैं। इतना ही नहीं आचार्य जी एक अच्छे कथावाचक भी हैं और वो भागवत पुराण के 18 हजार श्लोकों का पाठ बिल्कुल शुद्ध उच्चारण के साथ करते हैं। इसके अलावा वो बिना किसी तोड़ तोड़ के किसी भी प्रकार के वास्तु दोष का निवारण करते हैं।
आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी को इस क्षेत्र में करीब 30वर्षों का अनुभव है। आचार्य जी को ज्योतिष विज्ञान की प्रेरणा उनके पिता से मिली। ज्योतिष,तंत्र-मंत्र,वैदिक कर्मकाण्ड के क्षेत्र में उनके पिता का भी बहुत बड़ा नाम है। उनके दादाजी भी एक जाने-माने ज्योतिषाचार्य थे।
आज आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी भी उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी का मानना है कि आमतौर पर लोगों की ये धारणा होती है कि कर्मकाण्ड का संबंध जादू-टोने से होता है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। यज्ञ, संस्कार, पूजा-पाठ, मंत्रोच्चारण ये सभी कर्मकाण्ड के ही अंग हैं। भारतीय ऋषि-मनीषियों ने लम्बी शोध एवं प्रयोग-परीक्षण द्वारा इसे विकसित किया था ।
इन कर्मकाण्डों में इतनी शक्ति होती है कि किसी भी मनुष्य की अंतःप्रवृत्तियों तक को गलाकर इच्छित स्वरूप में ढालने की स्थिति में लाया जा सकता है। जीवन में आने वाली किसी भी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
यही वजह है कि आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी किसी भी समस्या के समाधान के लिए फलित ज्योतिष के अलावा वैदिक कर्मकाण्डों को विशेष महत्व देते हैं।
आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी की सबसे खास बात ये है कि उनके पास जो कोई भी अपनी समस्या को लेकर आता है, तो उसकी समस्या का निवारण अपना पहला कर्तव्य मानते हैं। वो उनकी समस्याओं को काफी गंभीरता से सुनते हैं और उसके बाद समस्या के अनुसार उसका विश्लेषण कर उन्हें उपाय बताते हैं।
आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी के उपाय बेहद आसान तो होते ही हैं, साथ ही काफी कारगर भी होते हैं।
आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी को ज्योतिष एवं शिक्षा के क्षेत्र में कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। आचार्य जी को साल 2015 में उत्तर प्रदेश के अशासकीय प्रधानचार्य परिषद की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए महामना पं. मदनमोहन मालवीय सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।
आचार्य जी पंताजलि योगपीठ की ओर से योग प्रशिक्षक का प्रमाण पत्र भी पा चुके हैं। इसके अलावा भी ऐसे अनकों सम्मान हैं जो आचार्य जी प्राप्त कर चुके हैं।
आचार्य जी न सिर्फ उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्य पाल महामहिम विष्णु कांत शास्त्री के साथ धार्मिक अनुष्ठानों में आचार्य पद पर आसिन हो चुके हैं, बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री राजनाथ सिंह को पुनः पदासीन होने का आशीर्वाद भी प्रदान कर चुके हैं।
ये आचार्य जी का ज्ञान और अनुभव ही है कि आज दूर-दूर से लोग अपनी समस्याओं को लेकर उनके पास आते हैं और उनका मार्गदर्शन पाकर एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
अगर आपके जीवन में भी किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी है तो आप आचार्य दुर्गा दत्त शास्त्री जी से संपर्क कर सकते हैं।
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