मनुष्य की कुंडली में जिस प्रकार ग्रहो का सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है,
ठीक उसी प्रकार नवरत्न मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैl इसलिए कुंडली में ग्रहो
की दशा को देखते हुए नवरत्न को धारण करना चाहिए l अब हम आपको नवरत्नों के बारे में
जानकारी देना चाहते है की ये किस प्रकार से कुंडली में बैठे ग्रहो की दशा एवं महादशा
को बदलने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाते हैl
1-
नीलम (BLUE SAPPHIRE) -जो शनि गृह का रत्न है, जो अन्य रत्नो से ज्यादा प्रभावशाली
माना जाता है और शनि की राशि कुंभ और मकर राशि वालों के लिए नीलम उपयोगी हैl नीलम धारण
करने से पहले कुंडली का विश्लेषण एक विद्वान ज्योतिष से अवश्य करवाना चाहिए क्योकि
अगर कुंडली में ग्रहो के अनुसार सूट नहीं किया तो इसके नकारात्मक प्रभाव भी होते हैl
उपरत्न-AMETHYST,LAPIS LAZULI (GOLDEN FLY),LOLITE.
2-
पुखराज (YELLOW SAPPHIRE)-पुखराज बृहस्पति या गुरु की राशि धनु और मीन राशि
एवं मेष राशि वाले जातक के लिए प्रभावशाली माना जाता हैl जातक को एक विद्वान ज्योतिष
से परामर्श लेकर ही विधि के साथ पुखराज धारण चाहिए l पुखराज के उपरत्न-CITRENE QUARTZ
, YELLOW TOPAZ ,TOURMALINE ,YELLOW ZIRCON.
3-
पन्ना (EMERALD)- पन्ना बुध गृह का रत्न है, नीलम और पुखराज के बाद पन्ना
सबसे प्रभावशाली नवरत्न है। पन्ना रत्न धारण करने से पहले विद्वान ज्योतिष से परामर्श
अवश्य ले, पन्ना के उपरत्न AQUAMARINE ,PERIDOT , GREEN AGATE , JADE.
4-
मूंगा (CORAL)- मंगल गृह को शांत करने के लिए मूंगा मुख्यरूप से लाभदायक हैl
ज्योतिष के अनुसार मेष तथा वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मूंगा रत्न,लाभकारी हैl मूंगा
धारण करने के लिए ज्तोतिषीय परामर्श अवश्य लेना चाहिएl मूंगा के उपरत्न-CARNELIAN ,RED
JASPER.
6-
माणिक (RUBY)- कुंडली में सूर्य गृह के प्रभाव को सकारात्मक करने में माणिक्य
रत्न की मुख्य भूमिका हैl सिंह राशि के जातकों के लिए माणिक्य रत्न धारण करना अत्यंत
लाभकारी माना गया है। माणिक्य धारण करने से पहले ज्योतिष परामर्श लेकर अपनी कुंडली
में सूर्य गृह की दशा अवश्य जान लेनी चाहिए। माणिक के उपरत्न- RED GARNET , RES TOURMALINE
, RED SPINAL
7-
मोती(MOONSTONE(PEARL)- मोती रत्न का स्वामी गृह चन्द्रमा है, कुंडली में
चंद्र गृह से सम्बंधित सभी दोषो में मोती रत्न लाभदायक है। मोती रत्न मेष, कर्क, वृश्चिक
और मीन लग्न के लिए विशेष लाभदायक है, परन्तु जिनकी राशि सिंह, तुला और धनु है वो ज्योतिष
परामर्श के अनुसार विशेष दशाओं में ही मोती धारण कर सकते है।
8-
OPAL (दूधिया पत्थर)- ओपल तुला और वृष राशि के जातकों लिए उत्तम रत्न है।ज्योतिषीय
परामर्श पर इस रत्न को मकर, कुंभ, मिथुन और कन्या राशि के जातक भी धारण सकते हैं। ओपल
कुंडली में कमजोर शुक्र के प्रभाव का मुकाबला करने और व शुक्र के प्रभाव को बढ़ाने
में अहम् भूमका निभाता है।
9-
लहसुनिया (CATS EYE)- केतु का रत्न लहसुनिया अचानक समस्याओं से निजात दिलाता
है l केतु का रत्न लहसुनिया अचानक समस्याओं से निजात दिलाता है l जब भी जन्मकुण्डली
के अन्दर आपकी परेशानी का कारण केतु बने तो लहसुनिया रत्न धारण करना लाभप्रद होता है।
नोट- रत्नो और उनके उपरत्नो के बारे में उचित जानकारी एवं धारण करने से पहले लिए सही
मार्गदर्शन के लिए आप हमारे ज्योतिषाचार्यो से परामर्श ले सकते है, एवं उचित गुडवत्ता
के रत्न /उपरत्न को हमारी संस्था के माध्यम से मंगवा सकते है।