रुद्र भगवान शिव का एक और नाम है जो उनके रूप में भंग करने वाले के रूप में है। रुद्र भगवान शिव का एक अनोखा रूप है। उन्हें रुद्राक्ष के पेड़ से संबंधित मोतियों की माला, या बल्कि बीज पहने हुए दिखाया गया है, जिससे विश्वासियों में बहुत उत्सुकता पैदा होती है। रुद्राक्ष 1 मुख से लेकर 21 मुखों तक विभिन्न मुखों या मुखों में आता है। प्रत्येक का अपना महत्व है।
1-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता भगवान शिव हैं। यह सर्वोच्च चेतना के बारे में जागरूकता लाता है।
2-मुखी रुद्राक्ष: शिव और शक्ति का संयुक्त रूप अर्धनारीश्वर इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता हैं। यह एकता और सद्भाव लाता है और गुरु-शिष्य संबंध का प्रतिनिधित्व करता है।
3-मुखी रुद्राक्ष: अग्नि या अग्नि इस रुद्राक्ष की अध्यक्षता देवत्व है। यह पिछले कर्मों के बंधन से मुक्ति की सुविधा प्रदान करता है।
4-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता गुरु हैं। यह उच्च ज्ञान के साधकों की मदद करता है।
5-मुखी रुद्राक्ष: कालाग्नि रुद्र इस रुद्राक्ष की अध्यक्षता देवत्व है। यह रुद्राक्ष हमारी आंतरिक जागरूकता को बढ़ाता है, जो हमें हमारे उच्च स्व की ओर ले जाता है।
6-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता कार्तिकेय हैं। यह समग्र संतुलन और भावनात्मक स्थिरता लाता है।
7-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी हैं। यह धन के नए अवसर लाता है और हमारे स्वास्थ्य में भी सहायता करता है।
8-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता गणेश हैं। यह रुद्राक्ष बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
9-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा हैं। यह शक्ति और गतिशीलता का प्रतिनिधित्व करता है और हमें सांसारिक आनंद और मुक्ति दोनों हासिल करने में मदद करता है।
10-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता कृष्ण हैं। यह प्रेम और शांति का प्रतिनिधित्व करता है। शास्त्रों के अनुसार, यह सबसे शक्तिशाली रुद्राक्षों में से एक है।
11-मुखी रुद्राक्ष: 11 छोटे रुद्र इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता हैं। यह ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है।
12-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता सूर्य हैं। यह चमक और शक्ति लाता है, हमें कम आत्मसम्मान से छुटकारा पाने में मदद करता है, जिससे आत्म-प्रेरणा होती है।
13-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता कामदेव हैं। यह हमारे अंदर आकर्षण प्रकट करता है और कुंडलिनी और अन्य शक्तियों (सिद्धि) के जागरण की सुविधा भी देता है।
14-मुखी रुद्राक्ष: इस रुद्राक्ष के अधिष्ठाता देवता हनुमान हैं।
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